जानिए वीर्य किन चीजों से मिलकर बना होता है, स्वस्थ वीर्य का रंग, गंध और प्रगाढ़ता

Adolescence या किशोरावस्था मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण और सेंसिटिव स्टेज होती हैं जिसमें बहुत सारे physical, mental और emotional changes शरीर में आते हैं, उनके body structure में परिवर्तन होता हैं, शारीरिक अंगों का विकास होता है, सोच में बहुत सारे changes होते हैं जो youngsters को काफी बेचैन बना देते हैं। famous psychologist G. Stanley Hall ने भी कहा हैं कि “किशोरावस्था तनाव एवं तूफ़ान की अवस्था है”।

अगर बात लड़को की करें तो इस age में उनकी बॉडी में secondary sexual characteristics विज़िबल होने लगती हैं जैसे दाढ़ी मूछ आना, आवाज़ भरी होना, जनन अंगों का विकास होना, कामोत्तेजना जागृत होना आदि। इन्हीं developments में से एक महत्वपूर्ण विकास है शुक्राणुओं का बनना। शुक्राणु (sperms) तो अपने में ज़रूरी element है लेकिन उसके साथ ही एक और body fluid males के लिए आवशयक होता है जिसे वीर्य कहते हैं। आजके आर्टिकल में हम सीमेन के बारे में ही बात करेंगे और जानेंगे इससे जुड़े interesting and important facts-

Semen के बारे में आप सभी ने सुना ही होगा, ये वो जैविक तरल पदार्थ होता है जो sexual intercourse या हस्तमैथुन के बाद क्लाइमेक्स के दौरान पुरुषों के लिंग (penis) से निकलता है और योनि (vegina) में प्रवेश करके फीमेल सेक्स सेल्स यानि अंडाणु को fertilize करता है और इसी fertilized egg से आगे चलकर एक बच्चे का जन्म होता है और कपल्स संतान प्राप्ति का सुख अनुभव कर पाते हैं। आप सोच रहें होंगे कि female egg को निषेचित करने का काम तो मेल सेक्स सेल्स यानि sperms करती हैं, जी हाँ दोस्तों आप बिलकुल सही सोच रहे हैं, दरअसल वीर्य में ही शुक्राणु पाए जाते हैं और वीर्य को एक प्रकार के कर्रिएर के रूप में हम समझ सकते हैं जो sperms को पोषण प्रदान करने और female vegina में ट्रांसफर करने का काम करता है।

सीमेन और स्पर्म शब्दों की उतपत्ति की बात की जाए तो guys, Semen शब्द लैटिन भाषा के Serere से लिया गया है जिसका मतलब होता है ‘रोपना’, और स्पर्म शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के sperma वर्ड से हुई है जिसका अर्थ होता है ‘बीज’।

सीमेन का संगठन

पुरुषों के वीर्य में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शुक्राणुओं को healthy बनाने का काम करते हैं, इसमें प्रोटीन, विटामिन B12, विटामिन C, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, लैक्टिक एसिड, Fructose, जिंक, सोडियम व Fat पाए जाते हैं इसके अलावा सीमेन में सबसे ज़्यादा मात्रा में पानी पाया जाता है।

सीमेन और स्पर्म्स के बीच में अंतर-

जैसा कि अभी हमने जाना कि वीर्य सफ़ेद या पीले रंग का एक चिपचिपा तरल पदार्थ होता है जो कि पुरुषों के यौन अंगों में बनता है और सेक्स के बाद पुरुषों के लिंग से ejaculate होता है जिसमे लाखों कि संख्या में शुक्राणु मौजूद होते हैं जो कि सीमेन के माध्यम से ही तैरकर फीमेल वेजिना में प्रवेश करते हैं।

जबकि स्पर्म्स (स्पर्मेटोजोआ) या शुक्राणुओं कि बात करें तो ये माइक्रोस्कोपिक सेल्स होती है जो सीमेन में मौजूद होती हैं और इन्हे नग्न आँखों से देखना संभव नहीं होता है। शुक्राणु की संरचना कि बात करें तो इसमें सिर, मध्य भाग और पूँछ पायी जाती है।

शुक्राणुओं का जीवनकाल

Sperms के जीवनकाल की बात करें तो यह शरीर के बाहर कुछ मिनट भी जीवित नहीं रह सकते हैं, महिला योनि में यह 3-5 दिन तक जीवित रह सकते हैं और अनुकूल स्थिति मिलने पर महिला अंडाणु को निषेचित करते हैं। अत्यधिक गर्म तापमान, स्ट्रेस, खाने पीने संबंधी गलत आदतें, व्यायाम न करना आदि शुक्राणुओं को क्षति पहुंचा सकते हैं।

On the whole, हम कह सकते हैं कि शुक्राणु एक अनुवांशिक वाहक होता है जो female egg को fertilize करके zygote का निर्माण करने वाली मुख्य सेल या कोशिका होती है और वीर्य इन शुक्राणुओं को सुरक्षा व पोषण प्रदान करने, गति देने वाला एक nutritional carrier होता है। लेकिन ये बात ध्यान रखने योग्य है कि ये दोनों ही elements पुरुष सेक्स हेल्थ को determine करने में main role play करते हैं, क्योंकि semen disability भी पुरुषों की फर्टिलिटी में बाधक बन सकती हैं और low sperm count भी। इसीलिए पुरुषों को अपनी सेहत, खानपान की तरफ पूरा ध्यान देना चाहिए जिससे यह दोनों तत्व संतुलित मात्रा में मेल बॉडी में प्रोडूस होते रहें।

Precum क्या होता है?

Friends, एक और fluid पुरुषों के लिंग से तब निकलता है जब वो कामोत्तेजित होते हैं लेकिन यह pre ejaculation fluid होता है जो Cowper gland में produce होता है और यह एक प्रकार का नेचुरल लुब्रीकेंट होता है जो सेक्स को स्मूथ बनाता है। precum केवल लुब्रिकेशन का काम करता है, इसमें sperms नहीं होते हैं और precum के कारण प्रेगनेंसी की सम्भावना न के बराबर होती है ।

वीर्य और शुक्राणु का निर्माण कहाँ होता है?

अब आप सोच रहें होंगे कि क्या शुक्राणु और वीर्य दोनों एक ही जगह produce होते हैं तो ऐसा नहीं है दोस्तों, शुक्राणु का निर्माण लिंग के नीचे की तरफ स्थित अंडकोष या scrotum में होता है और यहीं पर मेल सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन भी प्रोडूस होता है। जबकि सीमेन अंडकोष में नहीं बल्कि पेल्विस के अंदर ग्लांड्स में बनता है और शुक्राणु के लिए यह काफी सुरक्षित और पोषक तत्वों से युक्त होता है।

एक स्खलन में वीर्य की कितनी मात्रा निकलती है?

इस सवाल का जवाब जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि बहुत से लोगों के मन में यह धारणा होती है कि एक ejaculation में पुरुष के लिंग से वीर्य की बहुत ज़्यादा मात्रा स्खलित होती है, ऐसा नहीं है दोस्तों एक single ejaculation में मेल बॉडी से वीर्य की 1.5-5 मिलीलीटर मात्रा ही ejaculate होती है जो कि चाय के आधे चम्मच जितनी होती है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि सीमेन की इतनी कम quantity में भी लगभग 15 मिलियन sperm cells पाए जाते है।लेकिन आपके लिए यह जानना आवश्यक है दोस्तों इन लाखों sperms में से कुछ sperms ही महिला egg cell को fertilize कर पाते हैं।

क्या वीर्य के रंग व गंध में बदलाव किसी स्वास्थ्य समस्या का सूचक है?

वैसे तो वीर्य एक greyish liquid है जिसमें किसी प्रकार की गंध नहीं आती है लेकिन अगर किसी को अपने वीर्य के रंग व गंध में अचानक बदलाव नज़र आये जैसे अचानक रंग का लाल या हरा हो जाना या तीखी स्मेल आना आदि तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का सूचक हो सकता है। वीर्य में लाल रंग की उपस्थिति प्रोस्टेट में सूजन के कारण या urethra की रक्त वाहिनी टूटने के कारण आ सकता है या फिर सेक्स ऑर्गन्स के इन्फेक्शन्स और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STDs) के कारण भी ये बदलाव आ सकता है। कभी कभी दवाओं के सेवन के कारण भी सीमेन में गंध आ सकती है क्योंकि दवाओं के chemicals सीमेन में आ जाते हैं लेकिन यह स्मेल temporary होती है और कुछ समय बाद ये ठीक हो जाती है।

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Dr. Anskha Patil

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