माका का पौधा एक छोटा झाड़ी नुमा पौधा होता है, जो ज़मीन से कुछ इंच की ऊंचाई तक ही उगता है। ये एक सदाबहार पौधा नहीं होता है, और इसका जीवनकाल दो साल के आस पास रहता है। आप अगर इस पौधे को देखेंगे तो आपको ये ज़मीन के ऊपर से मूली या गाजर जैसा दिखाई देगा। और जब आप इसको ज़मीन से उखाड़ कर देखेंगे, तो आपको ये शलगम जैसा गोल और मोटा दिखाई देगा। वास्तव में ये माका का भूमिगत तना होता है, जो tuberous होता है। और इसी को माका की जड़ कहा कहा जाता है।
माका का पौधा natively पेरू के Andes पर्वत पर पाया जाता है, और इसको Peruvian Ginseng भी कहते हैं। वहाँ के किसान इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही सब्ज़ी आदि बनाने, और विभिन्न दवाओं, और शक्तिवर्धक dietary supplement के तौर पर करते आ रहे हैं। जैसे जैसे समय बीतता गया, माका के औषधीय गुणों पर शोध होते गए, और पता चला कि माका एक शक्तिशाली यौन शक्ति वर्धक और शारीरिक दुर्बलता दूर करने वाली हर्ब है। और 20 वी शताब्दी में माका रूट, पेरू से विश्व के विभिन्न भागों में निर्यात किया जाने लगा। आपको जानकर हैरानी होगी, कि माका रूट की लोकप्रियता के कारण इसको पेरुवियन जिन्सेंग का नाम दे दिया गया।
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पेरुवियन माका और चाइनीज माका में अंतर
चाइना में Yunnan की ऊंची पहाड़ियों पर माका रूट की खेती की जाने लगी (चूंकि माका के उगने के लिए Andes जैसा वातावरण ज़रूरी होता है, जो कि ऊंचे पर्वतों पर्वतों पर ही संभव है। चूंकि माका पेरू का एक नेटिव पौधा है, और इसके निर्यात से पेरू को काफी लाभ होता है, तो पेरू की सरकार ने इसको international कानूनों का सहारा चाइना में लेकर रोकने की भी कोशिश की है, लेकिन ये इतना आसान नहीं था , और अभी भी चाइना में बड़े पैमाने पर माका को उगाया जा रहा है, और पेरू अपनी कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। हालांकि पेरुवियन माका रूट की लोकप्रियता और गुणवत्ता आज भी चाइनीज माका से अधिक आँकी जाती है। चाइनीज माका का रंग आमतौर पर yellowish और blackish होता है, जबकि पेरू की माका का रंग reddish होता है, जिसको हाई क्वालिटी माका माना जाता है।
माका रूट में पाए जाने वाला पोषक तत्व

माका की जड़ का पाउडर बनाकर dietary supplement के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसका स्वाद हल्का सा मीठा, और कड़वा सा होता है, और इसमे हल्की सी मीठी गंध भी होती है। इसमे कुछ खास किस्म के कार्बनिक यौगिक पाए जाते हैं, जैसे glucotropaeolin, m-methoxyglucotropaeolin, benzyl glucosinolates, polyphenols आदि। इसके साथ साथ इसमे Alkamides भी पाए जाते हैं। अगर बात पोषक तत्वों की की जाए, तो माका की जड़ में अधिकतर carbohydrate होता है, और थोड़ी बहोत मात्रा में प्रोटीन होता है। इसमे fiber भी अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है। सबसे अच्छी बात ये है, कि माका में वसा केवल 2 से 3 प्रतिशत ही पाया जाता है।
माका के सबसे प्रभावी फायदे
तनाव और अवसाद दूर करता है
माका तनाव और अवसाद के प्रति शारीरिक प्रतिरोध बढ़ाता है. इस तरह की देसी दवाओं को adaptogen कहा जाता है। ये शरीर के उस भाग को संतुलित करते हैं, जो स्ट्रेस और डिप्रेशन के प्रति react करता है। और शरीर को इस तरह की विषम परिस्थितियों में survive करने में मदद करते हैं।
माका पाउडर पुरुषों में कामोत्तेजना बढ़ाने में मदद कर सकता है
विभिन्न शोधों के आधार पर वज्ञानिकों का मत है, कि माका रूट पाउडर का सेवन करने से पुरुषों में कामेच्छा अर्थात लिबीडो बढ़ती है, और उनकी सैक्स करने की इच्छा बढ़ जाती है। शोधों के आधार पर ये पाया गया है, कि माका की जड़ का सेवन करने से ये मस्तिष्क के उन भागों को stimulate कर सकता है, जो सेक्शुअल डिज़ाइअर बढ़ाते हैं। हालांकि यहाँ ये भी बात स्पष्ट करना जरूरी है, कि माका रूट का सेवन करने से testosteron का लेवल प्रभावित नहीं होता है।
माका का सेवन करने से पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है
कुछ रिसर्च इस बात को भी सपोर्ट करती हैं, कि माका की जड़ का इस्तेमाल करने से पुरुषों में वीर्य की गुणवत्ता बढ़ती है, और शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है। माका रूट पाउडर स्वस्थ, और कम शुक्राणु वाले पुरुषों , दोनों के लिए ही फायदेमंद साबित होती है। माका रूट का संतुलित मात्रा में प्रयोग वीर्य को गाढ़ा (पुष्ट) करता है, और वीर्य से संबंधित परेशानियों जैसे धातु रोग, और स्वप्नदोष में भी लाभदायक साबित हो सकता है।
माका रूट पाउडर शरीर को युवा बनाए रखने में सहायक होता है
कई शोध इस बात को सपोर्ट करते हैं, कि माका का सेवन करने से शरीर में natural anti oxidants का बनना उत्प्रेरित होता है, और ये molecules शरीर में बनने वाले फ्री radicals को nuetralize करते हैं, जो शरीर में टूट फुट के लिए उत्तरदायी होते हैं, और शरीर को तेज़ी से बुढ़ापे कि तरफ लेकर जाते हैं।
माका रूट पाउडर शरीर की कार्य करने की शक्ति बढ़ाता है
विभिन्न रिसर्च किये गए, और विभिन्न जिम trainers से इस बारे में पूछा गया, कि क्या माका रूट पाउडर का सेवन करने से वर्काउट stamina बढ़ता है। इस पर पता चला कि माका रूट पाउडर का नियमित रूप से सेवन करने से बॉडी बिल्डर्स अधिक समय तक व्यायाम कर पाते हैं, और जो लोग वज़न उठाते हैं, और जिनका physical वर्क ज़्यादा होता है, वो जल्दी नहीं थकते हैं।
माका के अन्य संभव लाभ
इसके अतिरिक्त भी माका रूट पाउडर के अन्य कई लाभ हैं, जिनपर शोध चल रहे हैं। जैसे कि ये female में मासिक धर्म से संबंधित परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकता है। माका female हॉर्मोन estrogen को regulate करता है, और pre-menopausal syndrome में फायदेमंद साबित हो सकता है। उच्च रक्तचाप को नियमित करने में, सूरज की रोशनी में उपस्थित ultraviolet किरणों के त्वचा पर होने वाले दुष्प्रभाव को दूर करने में भी माका मददगार हो सकता है। इसके अलावा भी इसके कई समभाव फ़ायदों पर शोध चल रहे हैं, जैसे हड्डियों की मज़बूती आदि।
माका रूट पाउडर को खाने का तरीका – माका की डोस

यूं तो अभी माका की कोई स्टैन्डर्ड डोस अभी तक निर्धारित नहीं की गई है। लेकिन 1 से दो ग्राम तक माका रूट पाउडर लिया जा सकता है। बेहतर है, कि आप इस जड़ी बूटी का पाउडर न लेकर इसके capsule का सेवन करें, क्योंकि इसका टेस्ट हल्का कड़वा मीठा होता है, जो पाउडर के रूप में पानी में घोलकर पीना हर किसी को पसंद नई आएगा। इसके अलावा, चूंकि माका रूट पाउडर काफी तेज़ी से moisture (नमी ) को सोखता है, और इसमे स्टार्च की मात्रा काफी ज़्यादा होने के कारण ये हवा के संपर्क में आते ही चिपकना और जमना शुरू हो जाता है। और निश्चित रूप से इसके औषधीय गुण भी प्रभावित हो सकते हैं। capsule में oxidation के प्रभाव से जड़ी बूटी सुरक्षित रहती है, और उसका लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
माका रूट के दो दो 500 milligram के capsule या एक एक ग्राम का एक capsule आप सुबह शाम दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
माका रूट का प्रयोग करने में सावधानियाँ

खुला माका की जड़ का पाउडर इस्तेमाल करने से बचें। क्योंकि इसमे toxins और heavy metals हो सकते हैं, और विभिन्न जीवाणु (fungus and bacteria) भी हो सकते हैं। माका का इक्स्ट्रैक्ट इसको सैनिटाइज़ और processed करके बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में इसमें पाई जानी सभी अशुद्धियों को निकाल दिया जाता है। ध्यान रहे, कि माका को बिना प्रोसेस किये खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
माका रूट खाने के संभव नुकसान या साइड इफेक्ट
माका रूट अगर शुद्ध करके खाई जा रही है, तो बताई गई मात्रा में लेने में इसका अभी तक कोई नुकसान सामने नहीं आया है। लेकिन किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे स्त्री या पुरुष को इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। साथ ही साथ गर्भवती महिलायें, बच्चों को दूध पिलाने के समय, मासिक धर्म के समय भी माका के प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिय। स्तन कैंसर जैसी समस्याओं में भी इसका प्रयोग माना किया जाता है।